गौरैया ,बिल्ली ,खरगोश की कहानी story in hindi with moral
एक बार की बात है एक बड़े से पैर के खोखले में गोरेया ने घर को बना करके वहां रहती थी।
तो 1 दिन गौरैया हुआ अपने भोजन की तलाश में उस पर को छोड़कर गए कहीं बाहर निकल गई थी।
इसी बीच एक खरगोश उस पेड़ पर आकर के वहां का कब्जा कर लेता है।
जब गौरैया शाम को वापस घर लौटती है, तब आप उस पेड़ पर एक खरगोश को पाती है।
गोरैया ने उस जगह को छोड़ने के लिए उस खरगोश से कहती है।
लेकिन खरगोश तो उस जगह को छोड़ने के लिए बिल्कुल इंकार कर देता है।
तब उन दोनों ने एक जज के पास जाने का फैसला करते हैं।
इसी बीच अचानक ,एक दुष्ट बिल्ली वहां पर आती है और बुद्धिमान ,न्यायाधीश होने का नाटक करने लगती है।
तब वह दोनों अपनी अपनी समस्या को लेकर उस बिल्ली के पास पहुंचते हैं।
और तब वह बिल्ली कहती है धीरे से कहती है,”मैं बहुत बड़ हो गया हूं और बहुत अच्छी तरह से देख और सुन भी नहीं सकता हूं।
जरा तुम दोनों और करीब आओ और अपनी अपनी कहानी मुझे सुनाओ।
आखिर तुम दोनों के झगड़ने का कारण क्या है।
“जब गरीब गोरिया और खरगोश बिल्ली के बिल्कुल करीब आते हैं तो उन पर हमला कर देती है और उन दोनों को जल्दी ही मार देती है।
Moral: कभी भी किसी भी व्यक्ति पर देख सुनकर भरोसा करना चाहिए।
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