story hindi mein एक बार की बात है एक बड़े से बरगद का पेड़ था। और उस पर बहुत सारे सारे रहा करते थे।
और उसी पैर के बिल में एक सांप भी रहा करता था।
और वह सांप और सारस के छोटे-छोटे बच्चों को खा जाया करता था।
और जब एक दिन सारस को यह पता चला कि सांप उनके बच्चों को बार बार खा जाता है तो वह बहुत रोने लगा।
उस सारस के रोने की आवाज को सुनकर के एक केकरा वहां पर आया और उससे रोने का कारण को पूछने लगा कि आखिर तुम रो क्यों रहे हो।
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तब उस सारस उसे पूरी बात बताई और उससे यह अनुरोध किया कि और निर्दई सांप से छुटकारा पाने का कोई तरीका उसको समझाया बताएं।
तब वह केकरे ने अपने आपसे यह कहा कि”यह सारस तो जन्म से ही हमारे शत्रु होते हैं। और मुझे इसे बिल्कुल गलत सलाह देनी चाहिए”!
और तब केकरे ने सारस को यह सलाह दी,”तुम उस नेवले के बिल से लेकर के पैर तक मांस के टुकड़े को बिछा दो”।
और जब नेवला उन टुकड़ों के पीछे चलता चलता है यहां तक आ जाएगा तो सांप को भी वह मार डालेगा।
“और वह सारस ने केकरे की सलाह को मान लिया । और बिल्कुल वैसा ही किया
और जब नेवला उस मांस के टुकड़े को पीछा करते-करते पैर तक आया तो वह सांप को देखा और सांप को तुरंत ही मार दिया।
और साथ ही साथ उसके सारस और सारस के बच्चों को भी मार डाला।
इसलिए तो यही कहा गया है जो अपने मित्र ना हो, उनसे चला तो बिल्कुल भी नहीं लेनी चाहिए।
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