गूगल के CEO सुन्दर पिचाई से समझे जीवन का संतुलन motivational story in hindi
आपको पता होगा की motivational story in hindi हमारा जीवन संतुलन पर ही आधारित होता है और संतुलन के बिना किसी भी क्षेत्र में हमको सफलता नहीं मिल सकती है जीवन में सफलता सही संतुलन बनाकर ही पाया जा सकता है
हमें किसी भी लक्ष्य को हासिल करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरत होती है तो वह होती है संतुलन को जरूरत है हमारे दिमाग को होती है
और संतुलित दिमाग एक सफल आदमी की पहचान भी होती है आदमी का दिमाग दिन रात काम करता है और इसके अंदर ऐसी अद्भुत शक्ति होती है
जिसके द्वारा हम किसी भी इच्छाओं को उनके बौद्धिक संतुलन में बदल सकता है और हम उसे अपनी इच्छा रूपी इस लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।
आप जानते हो क्या हमारा दिमाग कभी भी खाली नहीं बैठता इसमें बहुत तरह के विचार उत्पन्न होते रहते हैं यह विचार सकारात्मक और नकारात्मक दोनों रूप में होते हैं
अगर हम सकारात्मक सोच लिया इच्छाओं को अपने संतुलन द्वारा दिमाग में बोलने में असफल रहते हैं तो यह नकारात्मक विचारों के अनुसार ही काम करेगा जो हमारी लापरवाही के परिणाम स्वरुप पहुंचते रहते हैं।
संतुलन के बिना हमें यह पता ही नहीं चल सकता कि हमारे दिमाग में किस तरह का विचार पहुंच रहे हैं या आ रहे हैं जबकि संतुलन से हमें यह पता चल जाता है कि हमारे दिमाग में विचारों का प्रभाव सकारात्मक है
या नकारात्मक अर्थात अगर हम अपने दिमाग को संतुलित अवस्था में रख लेते हैं तो हम नकारात्मक विचारों से पूरी तरह से मुक्त हो जाते हैं सकारात्मक सोच के साथ अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते हैं।
संतुलन बनाने का वास्तविक अर्थ यह होता है कि हमारा अपने मस्तक पर पूरी तरह से नियंत्रण रखना जिंदगी में कोई भी समस्या आने पर शाम दिमाग तो समस्या का हालत का मुकाबला करना ही एक सफल संतुलन है
ऐसे सफल संतुलन द्वारा हमें एक सफल व्यक्ति की प्राप्ति मिल सकती है और एक सफल व्यक्ति अपने लक्ष्य को हासिल कर सकता है.
आप जानते हो कि हम जो शब्द बोलते हैं उनका हमारे विचारों पर सीधा और निश्चित तरह से असर होता है विचारों से शब्द बनते क्योंकि सब विचारों के वाहन होते हैं
लेकिन शब्दों का भी विचारों पर प्रभाव होता ही है और बड़े भैया को अगर बनाते ना हो तो भी उन्हें आकाश अवश्य देते हैं इन बातों का मतलब यही होता है
कि अगर हम अपने शब्दों को शांति कर लेते हैं तो हमारे विचार भी शांतिपूर्ण हो गया नहीं तो इस वजह से हमारे मन में भी शांति नहीं होगी।
इन सभी बातों से यह निष्कर्ष निकलता है कि संतुलन हमारे रोज के जीवन से लेकर किसी खास लग सके पीछा करने तक की सफलता पर भी लागू होता ही है.
और हमारे जीवन में निरंतर कई बार अलग-अलग तरह की लड़ाइयां चलती रहती है परिवारिक और वैसा ही शांति और भी कलर हम किसी से निपुण नहीं हो सकते
लेकिन हमें इसे संतुलन कैसे करते हैं यह हमारी सफलता को सुनिश्चित करता है अगर हम अपने संतुलन शक्ति द्वारा इन सब चीजों पर नियंत्रण करने का उपाय सीख लेते हैं तो बहुत हद तक हमारी जिंदगी की मुश्किलें आसान हो सकती है.
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इसके बारे में मैं आपको गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई की एक कहानी का उदाहरण दे करके समझाता हूं
एक बार सुंदर पिचाई ए क्रॉस रोड कॉफी पीने का मजा उठा रहे थे कि तभी अचानक में शोर मचाने लगा और पिचाई का ध्यान एक औरत पर गया कहीं से कॉकरोच जोड़कर महिला पर आ गया था
डर की वजह से वह जोर-जोर से चीखने लगी थी उस महिला ने कॉकरोच से छुटकारा पाने के लिए इधर-उधर भागना शुरू कर दिया।
जिसकी वजह से और भी लोग परेशान होने लगे तब जाकर के आखिरकार महिला उसको ग्रह से छुटकारा पाने में सफल हुई थी लेकिन अब वह दूसरी महिला पर आ जा चुकी थी।
इसने बचाने के लिए वेटर आया अब कॉकरोच वटर के ऊपर आ गया आराम से खुद को शांत किया और कॉकरोच को पकड़ के तुरंत बाहर फेंक दिया कॉफी पीते पीते सुंदर पिचाई यह सब देख रहे थे पूरे सीन को देखने के बाद भी के मन में विचार आने लगाऔर वह सोचने लगी है कि इस पूरे नाटकीय व्यवहार के लिए कॉकरोज ही जिम्मेदार था।
लेकिन अगर ऐसा था तो इससे बेटर क्यों परेशान नहीं हुआ उसने पूरे मामले को बड़ी शांति से संतुलित होकर सुलझा लिया था यह मामला कांग्रेस की गलती नहीं बल्कि उन महिलाओं को खुद पर संतुलन ना रख पाने की क्षमता को ही दर्शाता है।
सुंदर पिचाई के अनुसार motivational story in hindi
इस घटना के बाद मुझे एहसास हुआ कि यह मेरे पिता की बात का या बीवी का चिल्लाना नहीं है जो मुझे परेशान करता है बल्कि हमारी अस्मिता है जो मैं लोगों द्वारा बनाई गई परिस्थितियों को संभाल ही नहीं पाता हूं यह ट्रैफिक जाम नहीं है।
जो मुझे परेशान करता है बल्कि मेरी उस परेशानी भरी स्थिति में खुद को संतुलित ना रख पाने का अस्मिता है जिसमें में ट्रैफिक जाम की वजह से परेशान हो जाता हूं ज्यादा समस्या ज्यादा से ज्यादा मेरी उस समस्त के प्रति प्रतिक्रिया है जो मेरे जीवन को परेशानी पैदा करती है।
इस घटना ने मेरे सोचने का तरीका ही बदल दिया हमें अपने जीवन में कठिन समय में प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए बल्कि खुद को संतुलित रख कर उसका जवाब देना चाहिए
उस महिला ने अपना संतुलन खोकर प्रतिक्रिया दिया जबकि बेटा ने संतुलित होकर उस परिस्थिति समझा और उसका समाधान को निकाला प्रतिक्रिया हम बिना सोचे समझे दे देते हैं
जबकि जवाब हमसे इस तरीके से दिमाग संतुलित कर सोच समझ कर देते हैं
इस मजेदार जिंदगी को समझने का एक ही सुंदर सा तरीका है जो लोग सफल है वह इसलिए सफल नहीं है क्योंकि उनके जीवन में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है
बल्कि इसलिए खुश हैं और सफल है कि उनके जीवन में सारी चीजों के प्रति दृष्टिकोण यानी देखने का नजरिया सकारात्मक और संतुलित होता है इसलिए जिंदगी में गुस्सा जलन जल्दबाजी और चिंता करने के बदले प्यार करें और सब्र और संतुलन रखें।
संतुलित रखने का सबसे अच्छा मंदिर यह है कि जो भी हुआ अच्छे के लिए हुआ और जो भी होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा।
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